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Sunday, February 7, 2016

लहसुन अमृत फल के लाभ की पूरी जानकारी Garlik - Nectar on Earth

लहसुन अमृत फल के लाभ की पूरी जानकारी 
Garlik - Nectar on Earth


Lahsun ke Gharelu Nuskhe :लहसुन (अमृत फल) के  उपयोगी घरेलू नुस्खे

Lehsun ke Gharelu Nuskhe in Hindi


 लहसुन की उपयोगिता की पैरवी करने वाले कम से कम 4245 रिसर्च शोध पत्र हैं, जो दुनिया भर के तमाम अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स (शोध पत्रिकाओं) में प्रकाशित हो चुके हैं। इन तमाम शोध पत्रों के अध्ययन से पता चलता है कि लहसुन कम से कम 150 तरह के रोगों या लक्षणों जैसे कैंसर से लेकर डायबिटीज और दिल के रोगों, रेडिएशन के साईड इफेक्ट्स आदि के नियंत्रण में कारगर साबित हुआ है।

Home Remedies of Garlic in Hindi


खाली पेट लहसुन खाने से होते हैं ये चमत्‍कारी फायदे


लहसुन हर प्रकार के भोजन में प्रयोग किया जाता है। आप सोच भी नहीं सकते कि लहसुन की एक कली हमारे अंदर पैदा होने वाले अनेको रोगों का नाश कर सकती है। यह कई बीमारियों की रोकथाम तथा उपचार में प्रभावी है




जब आप कुछ भी खाने या पीने से पहले लहसुन खाते हैं तो आपकी ताकत बढ़ती है, तथा यह एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह कार्य करता है।
सुबह खाली पेट लहसुन खाने से यह अधिक प्रभावकारी क्यों होता है? इससे बैक्टीरिया ओवरएक्सपोज़्ड हो जाते हैं तथा लहसुन की शक्ति से वे अपनी रक्षा नहीं कर पाते। इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों की सूची कभी ख़त्म न होने वाली है


लहसुन बवासीर, कब्ज़ और कान दर्द के उपचार में भी सहायक है। यदि आप बवासीर और कब्ज़ के उपचार में इसका प्रयोग करना चाहते हैं तो कुछ पानी उबालें तथा इसमें अच्छी मात्रा में लहसुन डालें

खाली पेट लहसुन खाना क्यों अच्छा होता है -
हाई बीपी से बचाए
कई लोगों का मानना है कि लहसुन खाने से हाइपरटेंशन के लक्षणों से आराम मिलता है। यह न केवल रक्त के प्रवाह को नियमित करता है बल्कि यह हृदय से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है तथा लीवर और मूत्राशय को भी सुचारू रूप से काम करने में सहायक होता है



डायरिया दूर करे
पेट से संबंधित समस्याओं जैसे डायरिया आदि के उपचार में भी लहसुन प्रभावकारी होता है। कुछ लोग तो यह दावा भी करते हैं कि लहसुन तंत्रिकाओं से संबंधित बीमारियों के उपचार में बहुत प्रभावकारी होता है, परंतु केवल तभी जब इसे खाली पेट खाया जाए।


भूख बढाए
यह पाचन प्रक्रिया को उत्तेजित करता है तथा भूख भी बढ़ाता है। लहसुन आपके तनाव को भी कम करने में सहायक होता है। जब भी आपको घबराहट होती है तो पेट में एसिड बनता है। लहसुन इस एसिड को बनने से रोकता है



वैकल्पिक उपचार
जब डिटॉक्सीफिकेशन की बात आती है तो वैकल्पिक उपचार के रूप में लहसुन बहुत प्रभावी होता है। लहसुन इतना अधिक शक्तिशाली है कि यह शरीर को परजीवियों और कीड़ों से बचाता है, विभिन्न बीमारियों जैसे डाइबिटीज़, ट्युफ्स, डिप्रेशन तथा कुछ प्रकार के कैंसर की रोकथाम में सहायक सहायक होता है।


श्वसन तंत्र में मजबूती लाए
लहसुन श्वसन तंत्र के लिए बहुत लाभदायक होता है: यह ट्यूबरक्लोसिस (तपेदिक), अस्थमा, निमोनिया, ज़ुकाम, ब्रोंकाइटिस, पुरानी सर्दी, फेफड़ों में जमाव और कफ़ आदि रोकथाम तथा उपचार में बहुत प्रभावशाली होता है।


ट्यूबरक्लोसिस में लाभकारी
ट्यूबरक्लोसिस (तपेदिक) में लहसुन पर आधारित इस उपचार को अपनाएँ। एक दिन में लहसुन की एक पूरी गाँठ खाएं। इसे कुछ भागों में बाँट लें तथा आपको जिस प्रकार भी पसंद हो इसे खाएं। यदि आप इसे कच्चा या ओवन में हल्का सा भूनकर खायेंगे तो अधिक अच्छे परिणाम मिलेंगे।

फेफड़े की बीमारी के लिये
यदि आपको ब्रोंकाइनल बीमारी से संबंधित किसी उपचार की आवश्यकता है तो यह अर्क बनायें। 7 औंस / 200 ग्राम लहसुन, 24 औंस / 700 ग्राम ब्राउन शुगर और 33 औंस/ 1लीटर पानी। पानी को लहसुन के साथ उबालें तथा फिर शक्कर मिलाएं। दिन में तीन चम्मच इसका सेवन करें।


सावधानी
यदि आपको लहसुन से किसी प्रकार की एलर्जी है तो दो महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें: कभी भी इसे कच्चा न खाएं तथा फिर भी यदि आपको त्वचा से संबंधित कोई समस्या आती है, बुखार आता है या सिरदर्द होता है तो इसका सेवन करना छोड़ दें।


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लहसुन के कुछ उपयोगी घरेलू नुस्खे (Lahsun ke Upyogi Gharelu Nuskhe)

1. एक कप तिल के तेल में 8 लहसुन की कलियां डालकर गर्म करें और ठंडा होने पर कमर से लेकर जांघों तक इससे मालिश करें। इससे साइटिका में काफी फ़ायदा होता है।

2. आदिवासी अंचलों में इसे गैस और दिल के रोगों के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। सूखे लहसुन की 15 कलियां 1/2 लीटर दूध और 4 लीटर पानी को एक साथ उबाल लें। इस पानी को इतनी देर उबालें कि पानी आधा रह जाए। इस पाक को जब गैस और दिल के रोग से ग्रसित रोगियों को दिया जाता है तो आराम मिल जाता है।

3. जिन लोगों को जोड़ों का दर्द या आमवात जैसी शिकायतें हो, लहसुन की कच्ची कलियां चबाना उनके लिए बेहद फायदेमंद होता है। बच्चों को यदि पेट में कृमि (कीड़े) होने की शिकायत हो तो लहसुन की कच्ची कलियों का 20-30 बूंद रस एक गिलास दूध में मिलाकर देने से कृमि मर कर शौच के साथ बाहर निकल आते हैं।

4. सरसों के तेल में लहसुन की कलियों को पीसकर उबाला जाए और घावों पर लेप किया जाए तो घाव तुरंत ठीक होना शुरू हो जाते हैं।

5. हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो उन्हें रोजाना सुबह लहसुन की कच्ची कली चबाना चाहिए, नमक और लहसुन का सीधा सेवन खून साफ करता है।

6. ब्लड में प्लेटलेट्स की कमी होने पर भी नमक और लहसुन का समान मात्रा में सेवन करना चाहिए।

7. लहसुन के एंटीबैक्टिरियल गुणों को आधुनिक विज्ञान भी मानता है, इसका सेवन बैक्टीरिया जनित रोगों, दस्त, घावों, सर्दी-खांसी और बुखार आदि में बहुत फायदा करता है।

8. लहसुन की 2 कच्ची कलियां सुबह खाली पेट चबाएं। इसके आधे घंटे बाद आधा चम्मच मुलेठी पाउडर का सेवन करें। यह उपाय दो महीने तक लगातार करें। मान्यता है इससे दमा रोग जड़ से खत्म हो जाता है।

9. लौकी 50 ग्राम और लहसुन की कलियां 10 ग्राम लेकर पीस लें और इसे आधे लीटर पानी में उबालें।जब आधा पानी रह जाए तो छानकर कुल्ला करें। इससे दांत दर्द दूर होता है।

10. कान में कीड़ा चला जाने पर डांग- गुजरात के आदिवासी सूरजमुखी के तेल में लहसुन की दो कलियां डालकर गर्म करते है और फ़िर इस तेल की कुछ बूंदें कान में डालते है, इनका मानना है कि इससे कीट बाहर निकल आता है
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लहसुन


वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: Plantae
(अश्रेणिकृत) Angiosperms
(अश्रेणिकृत) Monocots
गण: Asparagales
कुल: Alliaceae
उपकुल: Allioideae
ट्राइब: Allieae
प्रजाति: Allium
जाति: A. sativum


लहसुन (Garlic) प्याज कुल (एलिएसी) की एक प्रजाति है। इसका वैज्ञानिक नाम एलियम सैटिवुम एल है। इसके करीबी रिश्तेदारो में प्याज, इस शलोट और हरा प्याज़ शामिल हैं। लहसुन पुरातन काल से दोनों, पाक और औषधीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इसकी एक खास गंध होती है, तथा स्वाद तीखा होता है जो पकाने से काफी हद तक बदल कर मृदुल हो जाता है। लहसुन की एक गाँठ (बल्ब), जिसे आगे कई मांसल पुथी (लौंग या फाँक) में विभाजित किया जा सकता इसके पौधे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला भाग है। पुथी को बीज, उपभोग (कच्चे या पकाया) और औषधीय प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी पत्तियां, तना और फूलों का भी उपभोग किया जाता है आमतौर पर जब वो अपरिपक्व और नर्म होते हैं। इसका काग़ज़ी सुरक्षात्मक परत (छिलका) जो इसके विभिन्न भागों और गाँठ से जुडी़ जड़ों से जुडा़ रहता है, ही एकमात्र अखाद्य हिस्सा है। इसका इस्तेमाल गले तथा पेट सम्बन्धी बीमारियों में होता है। इसमें पाये जाने वाले सल्फर के यौगिक ही इसके तीखे स्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं। जैसे ऐलिसिन, ऐजोइन इत्यादि। लहसुन सर्वाधिक चीन में उत्पादित होता है उसके बाद भारत में।

लहसुन में रासायनिक तौर पर गंधक की अधिकता होती है। इसे पीसने पर ऐलिसिन नामक यौगिक प्राप्त होता है जो प्रतिजैविक विशेषताओं से भरा होता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, एन्ज़ाइम तथा विटामिन बी, सैपोनिन, फ्लैवोनॉइड आदि पदार्थ पाये जाते हैं



आयुर्वेद और रसोई दोनों के दृष्टिकोण से लहसुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण फसल है। भारत का चीन के बाद विश्व में क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से दूसरा स्थान है जो क्रमशः 1.66 लाख हेक्टेयर और 8.34 लाख टन है। लहसुन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्त्व पाये जाते है जिसमें प्रोटीन 6.3 प्रतिशत , वसा 0.1 प्रतिशत, कार्बोज 21 प्रतिशत, खनिज पदार्थ 1 प्रतिशत, चूना 0.3 प्रतिशत लोहा 1.3 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम होता है। इसके अतिरिक्त विटामिन ए, बी, सी एवं सल्फ्यूरिक एसिड विशेष मात्रा में पाई जाती है। इसमें पाये जाने वाले सल्फर के यौगिक ही इसके तीखे स्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं। इसमें पाए जाने वाले तत्वों में एक ऐलीसिन भी है जिसे एक अच्छे बैक्टीरिया-रोधक, फफूंद-रोधक एवं एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में जाना , जाता है। अगर लहसुन को महीन काटकर बनाया जाये तो उसके खाने से अधिक लाभ मिलता है। यदि रोज नियमित रूप से लहसुन की पाँच कलियाँ खाई जाएँ तो हृदय संबंधी रोग होने की संभावना में कमी आती है। लहसुन, सेलेनियम का भी अच्छा स्त्रोत होता है। गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिये।

लहसुन एक बारहमासी फसल है जो मूल रूप से मध्य एशिया से आया है तथा जिसकी खेती अब दुनिया भर में होती है। घरेलू जरूरतों को पूरा करने के अलावा, भारत 17,852 मीट्रिक टन (जिसका मूल्य 3877 लाख रुपये है) का निर्यात करता है। पिछले 25 वर्षों में भारत में लहसुन का उत्पादन 2.16 से बढ़कर 8. 34 लाख टन हो गया है


Allium sativum, known as garlic from William Woodville, Medical Botany, 1793.




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पकाने का तरीका सही हो, तभी मिलेगा पौष्टिक भोजन

पकाने का तरीका सही हो, तभी मिलेगा पौष्टिक भोजन


पालकपालक को काटने से पहले धो लें। ज्यादा देर पकाने से पालक का 64 प्रतिशत विटामिन सी नष्ट हो जाता है, इसलिए इसे पकाते समय इसमें अलग से पानी न डालें। ढक कर आंच पर 2-3 मिनट से ज्यादा न पकाएं। इसमें आयरन काफी मात्रा में होता है।
साबुत अनाजसाबुत अनाज को रातभर कम पानी में भिगोएं। सुबह इसे हल्की आंच पर भाप में गला कर कम तेल-मसालों में पकाएं। इसमें मौजूद फायटिक एसिड हमारे लिए हानिकारक होता है। पकाने से इसकी मात्रा 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है। अंकुरण से भी अनाजों में इसका स्तर कम हो जाता है।
नॉन वेजमांस, चिकन और मछली को कच्चा खाना सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है, इसलिए इन्हें कच्चा खाया भी नहीं जाता। इन्हें पकाने के लिए बहुत कम पानी में भाप में गला लें। फिर इन्हें कम मसालों और तेल में पकाएं। अगर ज्यादा पानी में बनाएं तो उस पानी को सूप के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
अंडेअंडे को कभी भी कच्चा न खाएं। उबाल कर खाने से उसमें आयरन और बायोटिन की उपलब्धता बढ़ जाती है। इसके अलावा बैक्टीरियम सालमोनेला के संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है। इसे तल कर या दूध में पका कर भी खाया जा सकता है।
लहसुन और प्याजप्याज और लहसुन में मौजूद लाभकारी सलेऑक्साइड तभी एक्टिवेट होता है, जब वह हवा के संपर्क में आता है। लहसुन और प्याज को पकाने से दस मिनट पहले काट कर रख लें। यह बीमारियों से बचाते हैं। कम ताप पर 30 मिनट तक प्याज और लहसुन को पकाएं।
ब्रॉकली और गाजरब्रॉकली को भाप में पकाएं, फिर स्टिर फ्राई करें। उसका हरा रंग बरकरार रहेगा। गाजर और ब्रॉकली को उबाल कर खाने से उनसे अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं। पकी हुई गाजर में कच्ची गाजर से ज्यादा विटामिन ए, ल्युटिन और विटामिन होते हैं। पकी हुई ब्रॉकली में ज्यादा लाइकोपिन, विटामिन ए, फोलेट होता है।
टमाटरविटामिन सी से भरपूर टमाटर को पका कर खाने से उसे पचाने में आसानी रहती है। प्रोसेस्ड टमाटर में लाइकोपिन की मात्रा ताजे टमाटरों से अधिक होती है। इसे कच्चा खाने की बजाय पका कर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। 
चावलचावल को उबालने के बाद उसका पानी न फेंकें। इसमें करीब 25 प्रतिशत विटामिन बी नष्ट हो जाता है। चावल को कम पानी में भाप में पकाएं। पके हुए चावल बहुत जल्द बैसिलस सेरेयस से संक्रमित हो जाते हैं और दोबारा गर्म करने पर भी यह नष्ट नहीं होते, इसलिए बासी चावल कतई न खाएं।
करेलाकड़वा करेला औषधीय गुणों और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। भाप में कम मसालों के साथ पका कर खाना इसे पकाने का बेहतरीन तरीका है। कुछ लोग इसे उबाल कर सब्जी बनाते हैं। आप भी ऐसा करते हैं तो उबले पानी को न फेंकें। इसे हल्के से गुनगुने रूप में थोड़ा-सा नमक मिलाकर हर्बल टी के रूप में पी लें। रक्त संबंधी विकार दूर होंगे।
तेलतेल को ज्यादा देर गर्म न करें, क्योंकि 15 मिनट तक गर्म करने से उसके प्राकृतिक गुण नष्ट होने लगते हैं। इसमें ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इससे कार्डियो वैस्कलर बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है।
पके भोजन के फायदे- कच्चे भोजन में बैक्टीरिया होते हैं, जो पकाने से नष्ट हो जाते हैं।
- पकाने से भोजन नरम भी हो जाता है। इससे भोजन को चबाना, निगलना और पचाना आसान हो जाता है।
- पकाने से स्वाद बेहतर हो जाता है।
- पकाना खाने को आकर्षक बनाता है।
- इससे भोजन लंबे समय तक सुरक्षित रहता है।
क्यों जरूरी है पकानायह भी हमारी एक गलत धारणा से ज्यादा कुछ नहीं है कि कच्चे फल और सब्जियां सबसे बेहतर होती हैं। वैसे यह सही है कि खाने को हम कितना भी सावधानीपूर्वक पकाएं, उसके 10-15 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट हो ही जाते हैं, लेकिन पकाने के फायदे भी हैं। इससे पाचकता सुधरती है और पोषक तत्व उस रूप में परिवर्तित हो जाते हैं, जो शरीर में आसानी से अवशोषित हो सके। कुछ खाद्य पदार्थों को पकाना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम उन्हें कच्चा नहीं खा सकते।
ताजगी है जरूरी  - ताजा भोजन करें। भोजन को बार-बार गर्म न करें।
- ताजे और मौसमी फल तथा सब्जियों का ही उपयोग करें।
- सब्जियों को काट कर कभी न धोएं। इससे विटामिन बी और सी नष्ट हो जाते हैं।
- फ्रिज में खाद्य पदार्थों को 4 डिग्री सेंटिग्रेट पर रखें। फ्रोजन फूड को 18 डिग्री पर और डिब्बा बंद को सूखे और ठंडे स्थान पर रखें।
रखें ख्याल
- पकाने से पहले सब्जियों को पानी में न भिगोएं। पोषक तत्व नष्ट हो जाएंगे।
- उन्हें कम पानी में पकाएं। पानी की मात्र जितनी कम होगी, उतने ही कम पोषक तत्व नष्ट होंगे।
- भोजन को ज्यादा देर न पकाएं। जितनी देर पकाएंगे, उसके पोषक तत्व उतने ही ज्यादा नष्ट हो जाएंगे।


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Sunday, November 29, 2015

हृदयाघात से बचने का अचूक इलाज -ह्रदय नलियों से ब्लोकेज ख़त्म करने का अचूक आयुर्वेदिक इलाज

हृदयाघात से बचने का अचूक इलाज -ह्रदय नलियों से ब्लोकेज ख़त्म करने का अचूक आयुर्वेदिक इलाज 

ये याद रखिये की भारत मैं सबसे ज्यादा मौते - कोलस्ट्रोल बढ़ने के कारण हार्टB अटैक से होती हैं

Ayurvedik Health Benefits

आप खुद अपने ही घर मैं ऐसे बहुत से लोगो को जानते होंगे जिनका वजन व कोलस्ट्रोल बढ़ा हुआ हे।
अमेरिका की कईं बड़ी बड़ी कंपनिया भारत मैं दिल के रोगियों (heart patients) को अरबों की दवाई बेच रही हैं !
लेकिन अगर आपको कोई तकलीफ हुई तो डॉक्टर कहेगा angioplasty (एन्जीओप्लास्टी) करवाओ।
इस ऑपरेशन मे डॉक्टर दिल की नली में एक spring डालते हैं जिसे stent कहते हैं।
यह stent अमेरिका में बनता है और इसका cost of production सिर्फ 3 डॉलर (रू.150-180) है।
इसी stent को भारत मे लाकर 3-5 लाख रूपए मे बेचा जाता है व आपको लूटा जाता है।
डॉक्टरों को लाखों रूपए का commission मिलता है इसलिए व आपसे बार बार कहता है कि angioplasty करवाओ।
Cholestrol, BP ya heart attack आने की मुख्य वजह है, Angioplasty ऑपरेशन।
यह कभी किसी का सफल नहीं होता।
क्यूँकी डॉक्टर, जो spring दिल की नली मे डालता है वह बिलकुल pen की spring की तरह होती है।
कुछ ही महीनो में उस spring की दोनों साइडों पर आगे व पीछे blockage (cholestrol व fat) जमा होना शुरू हो जाता है।
इसके बाद फिर आता है दूसरा heart attack ( हार्ट अटैक )
डॉक्टर कहता हें फिर से angioplasty करवाओ।
आपके लाखो रूपए लुटता है और आपकी जिंदगी इसी में निकल जाती हैं

अब पढ़िए उसका आयुर्वेदिक इलाज- >>
...
अदरक (ginger juice) - यह खून को पतला करता है।
यह दर्द को प्राकृतिक तरीके से 90% तक कम करता हें।
लहसुन (garlic juice) - इसमें मौजूद allicin तत्व cholesterol व BP को कम करता है।
वह हार्ट ब्लॉकेज को खोलता है।
नींबू (lemon juice) - इसमें मौजूद antioxidants, vitamin C व potassium खून को साफ़ करते हैं।
ये रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ाते हैं।
एप्पल साइडर सिरका ( apple cider vinegar) -
इसमें 90 प्रकार के तत्व हैं जो शरीर की सारी नसों को खोलते है, पेट साफ़ करते हैं व थकान को मिटाते हैं।



इन देशी दवाओं को इस तरह उपयोग में लेवें :-
एक कप नींबू का रस लें;
एक कप अदरक का रस लें;
एक कप लहसुन का रस लें;
एक कप एप्पल का सिरका लें;
चारों को मिला कर धीमीं आंच पर गरम करें जब 3 कप रह जाए तो उसे ठण्डा कर लें;
उसमें 3 कप शहद मिला लें
रोज इस दवा के 3 चम्मच सुबह खाली पेट लें जिससे
सारी ब्लॉकेज खत्म हो जाएंगी।
आप सभी से हाथ जोड़ कर विनती है कि इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें ताकि सभी इस दवा से अपना इलाज कर सकें ;


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Wednesday, August 26, 2015

आंखों पर चढ़ा मोटा चश्मा भी उतर जाता है, इन साधारण घरेलू नुस्खों से... 1. - पैर के तलवों पर सरसों के तेल की मालिश करके सोएं।

आंखों पर चढ़ा मोटा चश्मा भी उतर जाता है, इन साधारण घरेलू नुस्खों से...
1. - पैर के तलवों पर सरसों के तेल की मालिश करके सोएं। सुबह के समय नंगे पैर हरी घास पर चलें व नियमित रूप से अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें, आंखों की कमजोरी दूर हो जाएगी।
2. - एक चने बराबर फिटकरी को सेंककर सौ ग्राम गुलाबजल में डालें और रोजाना रात को सोते समय इस गुलाबजल की चार-पांच बूंद आंखों में डालें। साथ ही, पैर के तलवों पर घी की मालिश करें। इससे चश्में के नंबर कम हो जाते हैं।
3- - आंवले के पानी से आंखें धोने से या गुलाबजल डालने से आंखें स्वस्थ रहती है।
4. - बादाम की गिरी, बड़ी सौंफ व मिश्री तीनों को समान मात्रा में मिला लें। इस मिश्रण को पीसकर पाउडर बना लें। रोज इस पाउडर को एक चम्मच मात्रा में एक गिलास दूध के साथ रात को सोते समय लें।
5. - बेलपत्र का 20 से 50 मि.ली. रस पीने और 3 से 5 बूंद आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी रोग में आराम मिलता है।
6- - सोया मिल्क में वसा कम और प्रोटीन अधिक होता है। इसमें फैटी एसिड, विटामिन ई पाया जाता है, जो आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
7 - हरी सब्जियां और सलाद को भोजन में अधिक से अधिक शामिल करें। इनमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट आंखों को स्वस्थ रखते हैं।
8 - ड्रायफ्रूट्स को अपने भोजन में शामिल करने से शरीर को सही मात्रा में ऊर्जा मिलती है। साथ ही, ऐसे पोषक तत्व भी प्राप्त होते हैं, जो आंखों को स्वस्थ बनाते हैं।
9 - - आंखों को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना विटामिन ए, बी व सी से भरपूर फलों व अन्य चीजों का सेवन करना चाहिए। गाजर, आंवला, अमरूद, पपीता आदि वे फ्रूट्स हैं, जो आंखों के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं।
10 - अपने रोजाना के खाने में लहसुन व प्याज शामिल करें। इनके सेवन से शरीर को सल्फर और पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं, जो आंखों को स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं।
11- - आंखों के रोग जैसे पानी गिरना, आंखें आना, आंखों की दुर्बलता, आदि होने पर रात को आठ बादाम भिगोकर सुबह पीस कर पानी में मिलाकर पी जाएं। इस नुस्खे को नियमित रूप से करने पर आंखों पर लगे चश्मे के नंबर कम हो जाते हैं।
12 - कनपटी पर गाय के घी की हल्के हाथ से रोजाना कुछ देर मसाज करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
13 - लघुपाठा नाम के पौधे की पत्तियों के
रस को नेत्र रोगों में प्रयोग कराने का विधान भी आयुर्वेद में बताया गया है।
14 - रोजाना दिन में कम से कम दो बार अपनी आंखों पर ठंडे पानी के छींटे जरूर मारें। रात को त्रिफला (हरड़, बहेड़ा व आंवला) को भिगोकर सुबह उस पानी से आंखें धोने से आंखों की बीमारियां दूर होती है व ज्योति बढ़ती है।
15 - एक चम्मच पानी में एक बूंद नींबू का रस डालकर दो-दो बूंद करके आंखों में डालें। इससे आंखें स्वस्थ रहती है।
16- - आंखों पर चोट लगी हो, मिर्च मसाला गिरा हो, कोई कीड़ा गिर गया हो, आंख लाल हो, तो दूध गर्म करके उसमें रूई का फुआ डालकर ठंडा करके आंखों पर लगाएं आराम मिलेगा।
17 - 1 से 2 ग्राम मिश्री और जीरे को 2 से 5 ग्राम गाय के घी के साथ खाने से व लेंडीपीपर को छाछ में घिसकर आंखों में लगाने से रतौंधी में फायदा होता है।
18. - ठंडी ककड़ी या कच्चे आलू की स्लाइस काटकर दस मिनट आंखों पर रखें। पानी अधिक पिएं। पानी कमी से आंखों पर सूजन दिखाई देती हैं। सोने से 3 घंटे पहले भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से आंखे स्वस्थ रहती हैं।
19. गुलाब जल का फोहा आंखों पर एक घंटा बांधने से गर्मी से होने वाली परेशानी में तुरंत आराम मिल जाता है
20 - श्याम तुलसी के पत्तों का दो-दो बूंद रस 14 दिन तक आंखों में डालने से रतौंधी रोग में लाभ होता है। इस प्रयोग से आंखों का पीलापन भी मिटता है।
21 - हल्दी की गांठ को तुअर की दाल में उबालकर, छाया में सूखा लें। इस गांठ को पानी में घिसकर सूर्यास्त से पूर्व दिन में दो बार आंख में काजल की तरह लगाने से आंखों की लालिमा दूर होती है व आंखें स्वस्थ रहती हैं।
22. - रात को सोने से पहले अरण्डी का तेल या शहद आंखों में डालने से आंखों की सफेदी बढ़ती है।
23. - नींबू व गुलाबजल को समान मात्रा में मिलाकर एक-एक घण्टे के अंतर से आंखों में डालने से आंखों को ठंडक मिलती है।
24. - केला और गन्ना खाना आंखों के लिए हितकारी है। रोजाना नींबू पानी पीने से भी आंखों की रोशनी बढ़ती है।
25 - - ग्रीन टी का सेवन भी आंखों के लिए अच्छा होता है। एक रिसर्च के अनुसार रोजाना लगभग पांच कप ग्रीन टी पीने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट प्राप्त होते हैं, जिससे आंखें स्वस्थ रहती हैं।
26 - दूध व अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। इनके सेवन से आंखों को सही मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
27 - सूरजमुखी के बीजों का सेवन भी आंखों के लिए फायदेमंद होता है। इसके बीजों में विटामिन सी, विटामिन ई, बीटा केरोटीन व एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसीलिए इसके सेवन से आंखों की कमजोरी दूर होती है।





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Saturday, March 21, 2015

हार्ट अटैक: ना घबराये ……!!! सहज सुलभ उपाय ….

हार्ट अटैक: ना घबराये ……!!!  सहज सुलभ उपाय ….

99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता….

पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।
पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार।
इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती। दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें।
* पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है।
* इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं।
* खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
* प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।





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Monday, November 24, 2014

AYURVEDIK HAIR TREATMENT

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AYURVEDIK HAIR TREATMENT

WHITE HAIR TREATMENT

सफेद बालों के लिए नुस्खे                              
टेंशन, भाग दौड़ भरी जिंदगी, बालों की ठीक से देखभाल न हो पाने और प्रदूषण के कारण बालों का सफेद होना एक आम समस्या बन गया है। बाल डाई करना या कलर करना इस समस्या का एकमात्र विकल्प नहीं। कुछ घरेलू उपचार आजमा कर भी सफेद बालों को काला किया जा सकता है।
कुछ दिनों तक, नहाने से पहले रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
नीबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर सिर पर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
तिल खाएं। इसका तेल भी बालों को काला करने में कारगर है।
आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
प्रतिदिन घी से सिर की मालिश करके भी बालों के सफेद होने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

HAIR FALL TREATMENT
बाल झड़ने की समस्या
नीम का पेस्ट सिर में कुछ देर लगाए रखें। फिर बाल धो लें। बाल झड़ना बंद हो जाएगा।
चाय पत्ती के उबले पानी से बाल धोएं। बाल कम गिरेंगे।
बेसन मिला दूध या दही के घोल से बालों को धोएं। फायदा होगा।
दस मिनट का कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ (रूसी) भी नहीं होगी।


Note - I collected information through internet. And I had not actually exact knowledge of same.

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आयुर्वेदिक दोहे (Ayurvedik Dohe-Proverbs )

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आयुर्वेदिक दोहे (Ayurvedic Dohe-Proverbs )
Ayurvedic Treatment, Ayurveda




1.जहाँ कहीं भी आपको,काँटा कोइ लग जाय।  दूधी पीस लगाइये, काँटा बाहर आय।।
 

2.मिश्री कत्था तनिक सा,चूसें मुँह में डाल। मुँह में छाले हों अगर,दूर होंय तत्काल।।
 

3.पौदीना औ इलायची, लीजै दो-दो ग्राम।  खायें उसे उबाल कर, उल्टी से आराम।।


4.छिलका लेंय इलायची,दो या तीनगिराम। सिर दर्द मुँह सूजना,लगा होय आराम।।


5.अण्डी पत्ता वृंत पर, चुना तनिकमिलाय। बार-बार तिल पर घिसे,तिलबाहर आ जाय।।


6.गाजर का रस पीजिये,आवश्कतानुसार। सभी जगह उपलब्धयह,दूर करे अतिसार।।


7.खट्टा दामिड़ रस, दही,गाजर शाकपकाय। दूर करेगा अर्शको,जो भी इसको खाय।।


8.रस अनार की कली का,नाक बूँद दो डाल। खून बहे जो नाक से, बंद होय तत्काल।।


9.भून मुनक्का शुद्ध घी,सैंधा नमकमिलाय। चक्कर आना बंदहों,जो भी इसको खाय।।


10.मूली की शाखों का रस,ले निकालसौ ग्राम। तीन बार दिन में पियें,पथरी से आराम।।


11.दो चम्मच रस प्याजकी,मिश्री सँग पी जाय। पथरी केवलबीस दिन,में गल बाहर जाय।।


12.आधा कप अंगूर रस, केसरजरा मिलाय। पथरी से आराम हो,रोगी प्रतिदिन खाय।।


13.सदा करेला रस पिये,सुबहा हो औशाम। दो चम्मच की मात्रा, पथरी सेआराम।।


14.एक डेढ़ अनुपात कप, पालक रसचौलाइ। चीनी सँग लें बीसदिन,पथरी दे न दिखाइ।।


15.खीरेका रस लीजिये,कुछ दिन तीस ग्राम। लगातार सेवन करें, पथरी से आराम।।


16.बैगन भुर्ता बीज बिन,पन्द्रह दिनगर खाय। गल-गल करकेआपकी,पथरी बाहर आय।।


17.लेकर कुलथी दाल को,पतली मगरबनाय। इसको नियमित खायतो,पथरी बाहर आय।।


18.दामिड़ (अनार) छिलका सुखाकर,पीसे चूरबनाय। सुबह-शाम जल डाल कम,पी मुँह बदबू जाय।।


19. चूना घी और शहद को, ले सम भागमिलाय। बिच्छू को विष दूर हो,इसको यदि लगाय।।


20. गरम नीर को कीजिये, उसमें शहदमिलाय। तीन बार दिन लीजिये,तो जुकाम मिट जाय।।


21. अदरक रस मधु(शहद) भाग सम, करेंअगर उपयोग। दूर आपसे होयगा, कफऔ खाँसी रोग।।


22. ताजे तुलसी-पत्र का, पीजे रस दसग्राम। पेट दर्द से पायँगे, कुछ पलका आराम।।


23.बहुत सहज उपचार है, यदि आग जलजाय। मींगी पीस कपास की, फौरनजले लगाय।।


24.रुई जलाकर भस्म कर, वहाँ करेंभुरकाव। जल्दी ही आराम हो, होयजहाँ पर घाव।।


25.नीम-पत्र के चूर्ण मैं, अजवायन इक ग्राम। गुण संग पीजै पेट के, कीड़ों से आराम।।


26.दो-दो चम्मच शहद औ, रस ले नीमका पात। रोग पीलिया दूर हो, उठे पिये जो प्रात।।


27.मिश्री के संग पीजिये, रस ये पत्ते नीम। पेंचिश के ये रोग में, काम न कोई हकीम।।


28.हरड बहेडा आँवला चौथी नीम गिलोय, पंचम जीरा डालकर सुमिरन काया होय॥


29.सावन में गुड खावै, सो मौहर बराबर पावै॥



दोहावली...... बहुत की काम की जानकारी....
१. दही मथें माखन मिले, केसर संग मिलाय, होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय..
 

२ बहती यदि जो नाक हो, बहुत बुरा हो हाल, यूकेलिप्टिस तेल लें, सूंघें डाल रुमाल..
३ अजवाइन को पीसिये , गाढ़ा लेप लगाय, चर्म रोग सब दूर हो, तन कंचन बन जाय..
४ अजवाइन को पीस लें , नीबू संग मिलाय, फोड़ा-फुंसी दूर हों, सभी बला टल जाय..
५ अजवाइन-गुड़ खाइए, तभी बने कुछ काम, पित्त रोग में लाभ हो, पायेंगे आराम..
६ ठण्ड लगे जब आपको, सर्दी से बेहाल, नीबू मधु के साथ में, अदरक पियें उबाल..
७ अदरक का रस लीजिए. मधु लेवें समभाग, नियमित सेवन जब करें, सर्दी जाए भाग..
८ रोटी मक्के की भली, खा लें यदि भरपूर, बेहतर लीवर आपका, टी० बी० भी हो दूर..
९ गाजर रस संग आँवला, बीस औ चालिस ग्राम, रक्तचाप हिरदय सही, पायें सब आराम..
१० शहद आंवला जूस हो, मिश्री सब दस ग्राम, बीस ग्राम घी साथ में, यौवन स्थिर काम..
११ चिंतित होता क्यों भला, देख बुढ़ापा रोय, चौलाई पालक भली, यौवन स्थिर होय..
१२ लाल टमाटर लीजिए, खीरा सहित सनेह, जूस करेला साथ हो, दूर रहे मधुमेह..
१३ प्रातः संध्या पीजिए, खाली पेट सनेह, जामुन-गुठली पीसिये, नहीं रहे मधुमेह..
१४ सात पत्र लें नीम के, खाली पेट चबाय, दूर करे मधुमेह को, सब कुछ मन को भाय..
१५ सात फूल ले लीजिए, सुन्दर सदाबहार, दूर करे मधुमेह को, जीवन में हो प्यार..
१६ तुलसीदल दस लीजिए, उठकर प्रातःकाल, सेहत सुधरे आपकी, तन-मन मालामाल..
१७ थोड़ा सा गुड़ लीजिए, दूर रहें सब रोग, अधिक कभी मत खाइए, चाहे मोहनभोग.
१८ अजवाइन और हींग लें, लहसुन तेल पकाय, मालिश जोड़ों की करें, दर्द दूर हो जाय..
१९ ऐलोवेरा-आँवला, करे खून में वृद्धि, उदर व्याधियाँ दूर हों, जीवन में हो सिद्धि..
२० दस्त अगर आने लगें, चिंतित दीखे माथ, दालचीनि का पाउडर, लें पानी के साथ..
२१ मुँह में बदबू हो अगर, दालचीनि मुख डाल, बने सुगन्धित मुख, महक, दूर होय तत्काल..
२२ कंचन काया को कभी, पित्त अगर दे कष्ट, घृतकुमारि संग आँवला, करे उसे भी नष्ट..
२३ बीस मिली रस आँवला, पांच ग्राम मधु संग, सुबह शाम में चाटिये, बढ़े ज्योति सब दंग..
२४ बीस मिली रस आँवला, हल्दी हो एक ग्राम, सर्दी कफ तकलीफ में, फ़ौरन हो आराम..
२५ नीबू बेसन जल शहद , मिश्रित लेप लगाय, चेहरा सुन्दर तब बने, बेहतर यही उपाय..
२६. मधु का सेवन जो करे, सुख पावेगा सोय, कंठ सुरीला साथ में , वाणी मधुरिम होय.
२७. पीता थोड़ी छाछ जो, भोजन करके रोज, नहीं जरूरत वैद्य की, चेहरे पर हो ओज..
२८ ठण्ड अगर लग जाय जो नहीं बने कुछ काम, नियमित पी लें गुनगुना, पानी दे आराम..
२९ कफ से पीड़ित हो अगर, खाँसी बहुत सताय, अजवाइन की भाप लें, कफ तब बाहर आय..
३० अजवाइन लें छाछ संग, मात्रा पाँच गिराम, कीट पेट के नष्ट हों, जल्दी हो आराम..
३१ छाछ हींग सेंधा नमक, दूर करे सब रोग, जीरा उसमें डालकर, पियें सदा यह भोग





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